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Murraya Paniculata flower in Hindi
वैज्ञानिक नाम: मुराया पेनिकुलेटम (murraya paniculata flower)
अन्य नाम: मुर्राया, सैंटिवुड
इसकी खुशबू संतरा के जैसी होने के कारण इसको ऑरेंज जैस्मिन कहते है।
यह रुतसी या सिट्रस परिवार का पौधा हे, जिसका आकार लगभग 10 फीट जा सकता है। यह Murraya flower (मुरैना पनीकुलता) झाड़ी नाम का पौधा है। शास्त्रों की दृष्टि से मधु कामिनी को अत्यंत शुभ पौधा माना जाता हे, इसे प्रकृति का वरदान भी कहा जाता है।
इसके फूल सफेद रंग के होते हे, जो वसंत ऋतु में लगना प्रारंभ हो जाते हे और फल ग्रीष्म ऋतु में आने लगते है।
मधुकामिनी के उपयोग
मधु कामिनी के बहुत सारे उपयोग हे मधु कामिनी के पौधो को विवाह के अवसर पे उपयोग किया जाता हे इस पौधे के फूल संतरा के जैसी सुगंध विखेरते हे, जो घर को सकारात्मक या दफ्तर में सकारत्म वातावरण बनाए रखते है। अतः मधुकामिनी के फूल को सकारात्मकता का भी प्रतीक माना जाता है।
इसके अतिरिक्त मधुकामिनी के दो या तीन पत्तो को उबालकर पीने से गला साफ हो जाता हे और इसकी पत्तियों का उपयोग दांतो के माउथवॉश में भी किया जाता है।
मधु कामिनी के फूलो के पत्तियों का रस इत्र बनाने के काम आता है और मधु कामिनी का उपयोग पेचिस, डायरिया जैसे रोगों में उपयोग किया जाता है, इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह से उपयोग कर सकते है।
मधु कामिनी के पौधे का रोपण
आपको सबसे पहले स्थान का चुनाव करना होगा जहा आप मधु कामिनी के फूल को लगाना चाहते हो वह स्थान पे ७(7) से ८(8) घंटे तक धूप (सूर्य का प्रकाश) आती रहनी चाहिए उसका ध्यान रखे।
फिर आपको मिट्टी का चुनाव करना है। मिट्टी अच्छी होनी चाहिए उसमें पत्थर या कंकर नही होने चाहिए और उसमे जैविक खाद जैसे गोबर रेती मिले हो।
उसके बाद आपको मधुकामिनी का पौधा या फिर उसके बीज की जरूर है। जिसे नर्सरी से ला के आपने जिस स्थान का चुनाव किया हे वहा लगा देना है।
सप्ताह में दो से तीन बार पानी देना है। पानी छिटक कर देना हे, जिससे पौधे की या बीज की जड़े निकल ना जाए।
रोपण के चार – पांच साल के बाद मधु कामिनी के फूल आने लगते हे जो आपके पूरे घर,आंगन या खेत को दूर दूर तक सकारात्मक बनाए रखते है और खुशबू का संचार करते है।
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मधुकामिनी क्या है?
मधुकामिनी रुतसी या सिट्रस परिवार का पौधा है।
मधुकामिनी का अन्य नाम क्या है?
मधुकामिनी का अन्य नाम मुर्राया अथवा सैटिवुड है।
मधु कामिनी के फूल कोनसी ऋतु में लगना आरंभ होते है?
मधु कामिनी के फूल वसंत ऋतु के प्रारंभ में लगना शुरू होते है।
Conclusion – निष्कर्ष
आशा करता हूं कि आपको इस लेख में दी गयी मधुकमिनी के फुल (murraya paniculata flower) की जानकारी अच्छी लगी होगी और बहुत पसंद भी आयी होगी। अगर आपको इस पौधे के लिए कोई सवाल है या कोई सुझाव हैं तो कृपया कमेंट करके अवश्य बताये।